Biography of Narendra Modi in hindi | नरेन्द्र मोदी : चाय बेचने से PM की कुर्सी तक का सफ़र

मै ही नही पूरा विश्व नरेन्द्र मोदी जैसी की शख्शियत से परिचित है ,और परिचित भी क्यों न हो क्योकि भारत एक बार फिर विश्व के सभी देशो से तेज बढ़ रहा है , और फिर से विश्वगुरु बनने की और अग्रसर है | आज नरेन्द्र मोदी का पहनावा ,अनुशासन ,रचनात्मक रवैया ,आत्मविश्वास, मेहनत ,का भारत ने ही नही अन्य देशो के लोगो ने लोहा माना है |आज भारत का हर व्यक्ति ,चाहे वह ६ साल का कोई छोटा बच्चा हो या २६ साल का नवजवान और या फिर ६० साल का कोई बुजुर्ग सभी नरेन्द्र मोदी जैसा बनाना चाहते हैं ,तो चलते है और जानते हैं की कैसे एक चाय बेचने वाला बना प्रधानमंत्री ............................


 संघर्षमय जीवन :-

देश के आजाद होने के लगभग ३ वर्ष के बाद १७ सितंबर १९५० को जन्मे नरेन्द्र मोदी की जब आंखे खुली तब उन्होंने अपने आप को १२ फिट चौड़े और ४० फिट लम्बे घर में पाया |आर्थिक स्थिति से कमजोर होने के कारण मात्र ६ वर्ष की उम्र में जिस उम्र में हम और आप शायद स्कूल में दाखिला लेने वाले होते हैं उस उम्र में गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचीं | मोदी के पिता जी चाय बनाते और स्वयं नरेन्द्र मोदी (जो इस समय स्वतंत्र भारत के प्रधानमंत्री है ) ट्रेन का इन्तजार करते और ट्रेन के आने पर डिब्बो में जाकर चाय डिस्ट्रीब्यूट करते | यही नही पैसो की तंगी के चलते मोहल्ले के नेताओ की ओर से दिए गये बैज बांटते और नारे लगाने का भी काम करते और उससे जो पैसे मिलते उससे घर का पेट पालने में मदद करते|





किशोरावस्था में भाई के साथचाय की दुकान में मदद की | नरेन्द्र मोदी बाल्यकाल से  ही आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ) से जुड़े | और जब युवावस्था में आये तब भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े |भारत और पकिस्तान के बीच जब द्वतीय युद्ध हुआ तब नरेन्द्र मोदी ने स्वयंसेवक के रूप में स्टेशन से गुजरने वाले सैनिको की निस्वार्थ रूप से सेवा की | नरेन्द्र ने अपनी स्कूली शिक्षा वडानगर में रहकर पूरी की |मात्र १३ वर्ष की आयु में नरेन्द्र की सगाई जसोदा बेन के साथ की गई | और १७ वर्ष की आयु में विवाह हो गया | नरेन्द्र मोदी का विवाह जरुर हुआ लेकिन वे जीवन पर्यंत विवाह के पक्ष में नही थे | नरेन्द्र मोदी का विवाह जरुर हुआ ,लेकिन दोनों कभी साथ में नही रहे |साडी के कुछ वर्षो के बाद मोदी ने गृह त्याग दिया | और पूरा जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अर्पण कर दिया|
१९७४ में नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन चलाया | आरएसएस का प्रचारक रहते हुए १९८० में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनितिक विज्ञान से एमएससी की degree को हाशिल किया |


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में प्रवेश और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्जा :-

 सन १८८७ में नरेन्द्र ने बीजेपी में प्रवेश किया | महज एक वर्ष के बीतते ही उनके कार्य के प्रति निष्ठा को देखते हुए उन्हें प्रदेश मंत्री मनोनीत किया गया |१९९० में केंद्र में मिली जुली सर्कार बनी ,लेकिन यह गठबंधन  ज्यादा दिनों तक नही चला |१९९५ में भाजपा ने अपने ही बल पर दो तिहाई मत पाया और सरकार बनायीं |और मोदी जी को रास्ट्रीय मंत्री बनाया गया |इसी बीच मोदी जी को अडवाणी जी ने २ काम सौंपे - पहला तो ये सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा 
दूसरा भी इसी तरह कन्याकुमारी से कश्मीर तक रथ यात्रा |
दोनों ही कर्तव्यो को मोदी जी ने बखूबी ढंग से निभाया और पार्टी के विश्वास पात्र बने |
इसी बीच शंकर सिंह वाघेला को हराकर केशुभाई पटेल CM बनाये गये | और नरेन्द्र मोदी को महासचिव बनाया गया | २००१ में बीजेपी पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को केशुभाई पटेल का उत्तराधिकारी बनया |२००१ में नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने | और उन्होंने गुजरात की विधान सभा की १८२ में से १२२ सीटो पर कब्ज़ा किया |२००१ से लेकर २०१४ तक नरेन्द्र मोदी लगातार जीतते रहे और गुजरात के लगातार ३ बार मुख्यमंत्री बने | या आप कह सकते हो जीत की हैट्रिक लगाई |    

मुख्यमंत्री से प्रधानमन्त्री की ओर :-

लोकसभा चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी को प्रधान मंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया | बीजेपी में उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश में घूम घूम कर अनेको चुनावी रैलियां की ,३ डी सभाए की ,चाय पर चर्चा की |इस प्रकार से कुल मिलकर ५८२७ कार्यक्रम नरेन्द्र मोदी ने किये |
नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ,लालकृष्ण अडवाणी जैसे दिग्गज नेताओ के नेतृत्व में बीजेपी में २०१४ चुनाव में अभूतपूर्व सफलता का परचम लहराया | और नरेन्द्र मोदी भारत के १५ वे प्रधानमंत्री बने |NDA ने 336 सीटो पर कब्ज़ा जमाया और कांग्रेस (जो पिछले कई सालो से शासन में थी)  को महज 44 सीटो से संतोष करना पड़ा |

प्रधानमंत्री के पद की शपथ:-

मोदी जो कुछ भी करते है वो सबसे अलग और इतिहास में पहली बार ही होता है चाहे वो जीत के आंकड़े हो या शपथ
मिडिया ने इसे जननायक का  जनाभिषेक कहा| शपथ ग्रहण से पहले नरेन्द्र मोदी राजघाट गयें | और गाँधी जी की समाधि पर पुष्प अर्पित किये | इसके बाद वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपाई जी के घर उनसे आशीर्वाद लेने पहुचे | 
शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति प्रांगण में हुआ | इस समारोह में शार्क देशो के प्रमुख शमिल रहे |नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रपति प्रणव मुकर्जी ने शपथ दिलाई | नरेन्द्र मोदी के साथ ही ४० मंत्रियो ने भी शपथ ली |


कुछ विवाद और आलोचनाये  :-

गोधरा कांड - २७ फ़रवरी २००२ को कुछ कारसेवक अयोध्या से गुजरात लौट रहे थे और गोधरा स्टेशन पर एक हिंसक भीड़ ने समूची ट्रेन में आग लगा दी जिससे ५९ कारसेवक मारे गये |इसके बाद गुजरात में हिन्दू -मुस्लिम दंगे हुए जिसमे ११८०लोग मारे गये जिसमे अधिकांश  मुस्लिम थे | विपक्षी दलों ने इस्तीफे की मांग की जिसके बाद नरेन्द्र मोदी ने अपना इस्तीफ़ा राज्यपाल को सौंप दिया |कांग्रेस संसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने अप्रैल २००९ उच्चतम न्यायलय से न्याय की मांग करते हुए ये जानना चाहा कहीं इसमें नरेन्द्र मोदी को 
 गुजरात दंगो में नही |दिसम्बर २०१० में उच्चतम न्यायलय ने नरेन्द्र मोदी को निर्दोष बताया |


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4 comments

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A.N.Pandey
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January 21, 2016 at 8:22 AM delete

जै सिया राम ..

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Unknown
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January 21, 2016 at 3:41 PM delete

जय श्री राम

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