नरेंद्र मोदी द्वारा रचित कविता : मै देश नही मिटने दूँगा

                 मैं देश नही मिटने दूँगा.....

poem-by-narendra-modi
  सौगन्ध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही मिटने दूंगा,
 मैं देश नही रुकने दूंगा मैं देश नही झुकने दूंगा|
 मेरी धरती पूँछ रही कब मेरा फ़र्ज़ निभाओगे,
 मेरा अम्बर पूछ रहा कब अपना फ़र्ज़ चुकाओगे,
 मेरा वचन है की भारत माँ को कि तेरा शीश नही झुकने दूंगा |
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मै देश नही मिटने दूँगा|
 वे लूट रहे इस धरती को मैं चैन से कैसे सो जाऊ,
 वे बेच रहे मेरे भारत को खामोश मै कैसे हो जाऊ,
 हां मैंने कसम उठाई है मैं देश नही बिकने दूंगा,
 सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही मिटने दूंगा|
 वो जितने अँधेरे लाएंगे मैं उतने उजाले लाऊँगा,
 वो जितनी रात बढायेंगे मैं उतने सूरज लाऊँगा,
 इस छल फरेब की आंधी में मैं दीप नही बुझने दूंगा |
 सौगंध मुझे इस मिटटी की मै देश नही मिटने दूंगा|
 वो चाहते है जागे ना बस कोई रात का कारोबार चले,
 वे नशा बाँटते जाये और देश यूँही बीमार चले,
 पर जाग रहा है देश मेरा हर भारत वासी जीतेगा|
 माँओं बहनो की अस्मत पर गिद्ध नजर लगाये बैठे हैं,
 मैं अपने देश की धरती पर अब दर्दी नही उगने दूंगा|
 सौगंध मुझे इस मिटटी की मैं देश नही लूटने दूंगा|
 अब घड़ी फैसले की अब आई हमने है,
 कसम अब खायी हमें फिर से दोहराना है और खुद को याद दिलाना है,
 न भटकेंगे न अटकेंगे कुछ भी हो हम देश नही मिटने देंगे,
 सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही झुकने दूंगा।
 जय हिन्द जय भारत
Previous
Next Post »